दिल्ली अग्निकांड में सामने आई बड़ी लापरवाही, 43 लोगों की ऐसे गई जान
दिल्ली में रविवार तड़के करीब साढ़े पांच बजे रानी झांसी रोड स्थित अनाज मंडी में पांच मंजिला इमारत में अवैध रूप से चल रही फैक्ट्री में आग लगने से 43 लोगों की जान चली गई। इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
दिल्ली अग्निकांड में लापरवाही
उधर, दिल्ली अग्निकांड को लेकर दिल्ली फायर सर्विस (डीएफएस) के चीफ फायर सर्विस ऑफिसर अतुल गर्ग ने कहा कि इस इमारत को दिल्ली फायर सर्विस की तरफ से क्लियरेंस ही नहीं दी गई थी। उन्होंने आगे कहा कि इस इमारत के अंदर जरुरी सुरक्षा उपकरण भी नहीं लगाए गए थे।
प्रशासन की लापरवाही आई सामने
लोगों के सामने घटना के बाद प्रशासन की भारी लापरवाही भी सामने आई। अस्पताल में कोई सहायता डेस्क नहीं लगाया, जिससे लोगों को जानकारी मिल सके। ज्यादातर पीड़ित दूसरे राज्य से, मगर जानकारी के लिए कोई नंबर भी जारी नहीं किया। पुलिस, अस्पताल की ओर से परिजनों से बात करने वाला, बताने वाला कोई नहीं था। अस्पताल के सुरक्षाकर्मी और बाउंसर्स व अर्धसैनिक बल परिजन को अंदर नहीं जाने दे रहे थे। घायलों को कहा लेकर गए है। उनकी पहचान परिजन कैसे करे यह बताने वाला कोई नहीं था।
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दिल्ली के एक फैक्ट्री में लगी भीषण आग में करीब 43 लोगों की मौत से देश में मातम का माहौल है। फैक्ट्री में आने-जाने का एक ही रास्ता एक ही होने की वजह से समय रहते लोग नहीं निकल पाए और दम घुटने से ज्यादातर की मौत हो गई। दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी के बीचों बीच स्थित रानी झांसी रोड पर चार मंजिला फैक्ट्री में रविवार सुबह लगी भीषण आग में 43 श्रमिक मारे गए। दिल्ली अग्निशमन सेवा के अधिकारियों ने बताया कि आग लगने की जानकारी सुबह पांच बजकर 22 मिनट पर मिली जिसके बाद दमकल की 30 गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया।
उन्होंने बताया कि 150 दमकल कर्मियों ने बचाव अभियान चलाया और 63 लोगों को इमारत से बाहर निकाला। अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में प्रतीत होता है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। दिल्ली के फैक्ट्री में लगी आग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जांच के आदेश दिए हैं और मृतकों के लिए 10-10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है।